आयुष मंत्रालय ने कहा- कोरोना वायरस से बचना है तो होम्योपैथी और यूनानी दवाओं की मदद लें

आयुष मंत्रालय ने कहा- कोरोना वायरस से बचना है तो होम्योपैथी और यूनानी दवाओं की मदद लें

सेहतराग टीम

चीन में बड़ी मुसीबत बन चुके कोरोना वायरस  के संक्रमण का खतरा भारत पर भी मंडरा रहा है। हालांकि अब तक भारत में कोई भी केस पॉजिटिव नहीं मिला है। ऐसे में आयुष मंत्रालय ने इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों को सलाह दी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वायरस से बचाव में होम्यापैथी और यूनानी दवाएं उपयोगी हैं। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत अनुसंधान परिषदों ने भारतीय पारंपरिक औषधि प्रणालियां-आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी पर आधारित चेतावनी जारी की है।

पढ़ें- कोरोना वायरस से डरे नहीं, सावधानी ही बचने का तरीका है, इंफेक्टेड होने से ऐसे बचें

आयुष मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोराना वायरस तेजी से फैल रहा है। पूरा विश्व कोरोना वायरस से भयभीत है. ऐसे में होम्योपैथ, आयुर्वेद और युनानी पद्धति की वो दवाएं है जो वायरस से बचाव कर सकते हैं। आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार इस वायरस की रोकथाम के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं।

आयुर्वेद में सवाधानियां बचा सकती हैं संक्रमण से-

  • साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकैंड तक धोएं। 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं।
  • शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उडिच्य़ा और नागर) पानी (1 लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डाल कर उबालें, जब तक यह आधा तक कम न हो जाए)। इसे एक बोतल में स्टोर करें और प्यास लगने पर पीएं।
  • बिना धोए हाथों से अपनी आँखें, नाक और मुँह छूने से बचें. जो लोग बीमार हैं उनसे निकट संपर्क से बचें। बीमार होने पर घर पर रहें. संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय या काम करते समय एक एन95 मास्क का उपयोग करें।

पढ़ें- Corona Virus से पीड़ित मरीजों के इलाज में हो रहा रहा है HIV की दवा का इस्तेमाल

आयुर्वेदिक के अनुसार उपाय-

  • अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ।
  • शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार।
  • त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक यह ½ लीटर तक कम नहीं हो जाता है। इसे एक बोतल में रख लें) इसे आवश्यकतानुसार और जब चाहे तब पीते रहें
  • प्रतिमार्स नास्य: नाक में प्रतिदिन सुबह अनु तेल/तिल के तेल की दो बूंदें डालें।

सलाह दी गई है कि इसे पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों के परामर्श से ही अपनाएं

पढ़ें- कोरोना वायरस से भारत की बढ़ी चिंता, जानें कैसे, क्या और कितना पड़ेगा प्रभाव?

होम्योपैथी में आर्सेनिक एल्बम 30 का करें उपयोग-

आयुष मंत्रालय की बैठक में विशेषज्ञों के समूह ने कहा है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में अपनाया जा सकता है, जिसे आईएलआई की रोकथाम के लिए भी सुझाया गया है। इसने आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक डोज की सिफारिश की है, जो प्रतिदिन खाली पेट तीन दिनों के लिए इस्तेमाल की जाती है। खुराक को एक महीने के बाद दोहराया जाना चाहिए. ताकि समुदाय में प्रबल होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के उसी शेड्यूल का पालन किया जा सके।

कोरोना वायरस के खिलाफ उपयोगी यूनानी दवाएं-

  • शरबतउन्नाब 10-20 मिली दिन में दो बार।
  • तिर्यकअर्बा 3-5 ग्राम दिन में दो बार।
  • तिर्यक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार।
  • खमीरा मार्वारिद 3-5 ग्राम दिन में एक बार।
  • स्कैल्प और छाती पर रोगन बाबूना / रोगन मॉम / कफूरी बाम से मालिश करें।
  • नाक में रोगन बनाफशा लगाएं।
  • अर्क अजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें।
  • बुखार होने की स्थिति में हब ए एकसीर बुखार 2 की गोलियां गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।

पढ़ें- पूरी दुनिया के लिए आपातकालीन स्थिति नहीं है करॉना वायरस: WHO

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार बोले-हमने चीन से की है अपील-

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि हमने चीन की सरकार से अपील की है कि हमें दो फ्लाइट ले जाने की अनुमति दें। जिससे हम हमारे लोगों को हुबेई प्रांत से सुरक्षित ला सकें। बीजिंग में भारतीय दूतावास चीन के प्रशासन से लगातार संपर्क में है। हम इसके बारे में लगातार अपडेट लोगों को उपलब्ध कराते रहेंगे।

 

इसे भी पढ़ें-

15 हजार साल पुराने वायरस का झुंड हो सकता है सक्रिय, दुनिया के लिए बड़े खतरे का संकेत

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।